What is Turbo Charger? (क्या होता है Turbo Charger)
Turbo charger कार इंजिन की पॉवर बूस्ट करने के लिए होता है। इंजिन कि एग्जॉस्ट गैसेस को recirculate करके वापिस combustion chamber में डाला जाता है। Turbo charger जो कि एयर इनलेट को भी जुड़ा रहता है, फिल्टर कि गई एयर और एग्जॉस्ट गैस, ठंडी करके engine में वापिस डाली जाती है। आज लगभग सभी गाड़ियों में Turbo charger का इस्तेमाल होता है।
Use of the Turbo charger (टर्बो चार्जर का इस्तेमाल)
१. टर्बो चार्जर engine की power बढ़ाता है।
२. एग्जास्ट गैसस recirculate करके फ्रेश एयर के साथ वापिस इंजिन कंबशन चेंबर में pass की जाती है। जिससे कि एयर का टेंपरेचर पहले से ही ऑप्टिमम लेवल पर आ जाता है।
३. अगर बहुत ज्यादा देर गाड़ी चलने से एग्जॉस्ट गैसेस गर्म भी हो, तो intercooler की यूज़ से उनको ठंडा किया जाता है।और combustion chamber में डाला जाता है।
Car without Turbo Charger (टर्बोचार्जर बिना गाड़ी)
१. Turbo charger ना होने से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता पर अगर आपको कभी कभी इंजिन कि ज्यादा पॉवर का इस्तेमाल करना पड़ता है।अगर आपको स्पीड भी चाहिए और गाड़ी में लोड भी हो तो टर्बो चार्जर चाहिए ही।
२. एग्जॉस्ट गैसेस का इस्तेमाल वापिस न होने से पॉल्यूशन कि मात्रा सामान्य गाड़ी में बढ़ जाती है।
३. सामान्य गाड़ी में कभी कभी कोल्ड starting का problem आ सकता है। क्योंकि एग्जास्ट गैसेस recirculate न होने की वजह से जो एयर, कंबशन चेंबर में जा रही हैं उसका टेंपरेचर हमेशा कम रहेगा इसी वजह से कभी-कभी कोल्ड स्टार्टिंग का प्रॉब्लम आ सकता है।
४. Engine ज्यादा देर चालू रहे तो फिर fuel पूरी तरह से बर्न नहीं होता। इसके कारण knocking का प्रॉब्लम आ सकता है। और fuel पूरी तरह से बर्न न होने की वजह से वैसे ही एग्जॉस्ट सिस्टम से बाहर फेका जाता है। इससे fuel economy कम हो जाती है। और mileage भी कम हो जाता है।
५. Fuel पूरी तरह से बर्न होने से pollutant gases का emission कम होता है। पर ऐसा सामान्य गाड़ियों में नहीं होता।