What is BS6 norms? (क्या है BS6 norms)
BS6 norms मतलब Bharat stage norms. यह एक गाडियों के emission का कानून हैं। जिससे गाड़ियों को कोनसी स्टैंडर्ड का engine लगा होना चाहिए और उनसे कितना पॉल्यूशन होना चाहिए यह निर्धारित किया जाता है। Bharat stage norms में और European norms में ज्यादा कुछ तकनीकी बदलाव न करते हुए खाली नाम का बदलाव किया गया है। भारत में उसे bharat stage norms ऐसा नाम दिया गया है। अब तक BS2, BS3, BS4 जैसे emission कानून का इस्तेमाल हो चुका है। और अब BS5 skip करके सीधा BS6 का जारी होना तय है।
“सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार ऑटोमोबाइल सेक्टर में इसी संदर्भ में नियम जारी होने वाला है। अप्रैल २०२० से BS4 नॉर्म्स की गाड़ियां बंद होने वाली है। भारत में हो रहे पॉल्यूशन की भारी मात्रा को नियंत्रित करने के लिए यह कदम उठाया गया है।अक्टूबर २०१९ में ही यह घोषणा हो चुकी है कि अप्रैल २०२० से कोई भी BS 4 गाड़ी रास्ते पे नहीं दौड़नी चाहिए। इसके अनुसार बहुतसी ऑटोमोबाइल कंपनियों ने अपनी प्रोडक्शन बंद कर दी है। यह कानून बनने के बाद बहुत से बदलाव होने चालू हो गए है।“
BS6 engine की गाड़ियां अगले साल से दौड़ने वाली है, इसके चलते BS6 गाड़ियों को चलने वाला ही fuel use करना पड़ेगा। अभी से पेट्रोल और डीजल की सप्लाई करने वाली कंपनियों ने फ्यूल स्ट्रक्चर में बदलाव करके भारी मात्रा में फ्यूल जगह जगह पर पहुंचाना शुरू कर दिया है। Pollution बढ़ने की वजह से यह निर्णय लिया गया है। कार्बन डाइऑक्साइड की भारी मात्रा में बढौती और उसका आदमी के शरीर पर हो रहा असर देखकर BS6 NORM जारी किया गया है।
What is BS6 engine? (क्या है BS6 इंजिन)
Engine में SCR और DPF नामक दो pollution कम करने वाली modifications की गई है। Engine के एग्जॉस्ट सिस्टम(exhaust system) में यह दो modifications होगी जिसके कारण नाइट्रोजन ऑक्साइड का लगभग ७० प्रतिशत डीजल गाड़ियों में, और २५ प्रतिशत पेट्रोल गाड़ियों में कम होना लाजमी है। SCR (selective catalytic reduction) और DPF (diesel particulate filter) ऐसे दो नई techniques का आपकी गाड़ी के engine में होना जरूरी कर दिया गया है।
BS6 Fuel Type (BS6 फ्यूल टाइप)
BS6 पेट्रोल और डीजल में कुछ conditions जारी की गई है। जिसके कारण पुराना वाला BS 4 डीजल या पेट्रोल नई गाड़ियों को suit नहीं करेगा।
BS6 डीजल और पेट्रोल : sulfur की मात्रा में लगभग 80 प्रतिशत कटौती कर के उसकी मात्रा 50ppm से 10ppm कर दी गई है। जिससे नाइट्रोजन ऑक्साइड का एमिशन(emission) बहुत कम होगा।
Difference between BS4 and BS6 (BS4 और BS6 में फर्क)
१. BS4 emission norm है जो pollution को कम करने के लिए जारी किया गया था। डीजल गाड़ियों में ईजीआर (EGR) और टर्बो चार्जर का इंजन में लगा होना और exhaust सिस्टम में कैटालिटिक कन्वर्टर का होना मतलब bs4 इंजिन बन जाता था।
२. BS6 गाड़ियों के exhaust system में SCR और DPF लगा होगा। जिससे कि BS6 कानून के अनुसार इंजिन का स्ट्रक्चर होगा।
३. दूसरा महत्वपूर्ण फर्क यह है की, गाड़ियों में यूज होने वाला फ्यूल का स्ट्रक्चर। BS-4 गाड़ियों में 50 पीपीएम तक सल्फर यूज़ किया जाता था। जिससे कि पार्टिकुलेट मैटर(PM) बहुत बढ़ जाती थी।
४. BS6 गाड़ियों में 5 गुना सल्फर कंटेंट घटाकर उसको 10 पीपीएम तक लाया गया है। जिससे कि नाइट्रोजन ऑक्साइड और पार्टिकुलेट मैटर का emission बहुत कम होगा।
BS6 cars in India (भारत में BS6 की गाड़ियां)
BS6 cars in India: मारुति सुज़ुकी ऐसी कंपनी होगी जो अपनी लगभग सभी मॉडल bs6 नॉर्म्स के अनुसार मैन्यूफैक्चर करेगी और मार्केट में उतारेगी।
BS6 cars in India
१. Maruti Suzuki (मारुति सुज़ुकी)
- Maruti Suzuki Alto
- Maruti Suzuki swift
- Maruti Suzuki swift dzire
- Maruti Suzuki ertiga
- Maruti Suzuki XL6
- Maruti Suzuki baleno
- Maruti Suzuki wagonR
२. Mercedes Benz e-class
३. Kia seltos
४. Toyota glanza
५. Hyundai grand i10 nios
६. Jeep compass
यह कुछ मॉडल्स है जो BS6 नॉर्म्स के अनुसार अपने emission को बहुत सीमित रखेगी। लगभग सभी कंपनियां ने अपने bs4 वाले मॉडल्स की मैन्युफैक्चरिंग करना बंद कर दिया है।
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